Not known Details About Shodashi

Wiki Article



क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in the best way her mythology intertwines While using the spiritual and social material, providing profound insights into the character of existence and the path to enlightenment.

Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of community and spiritual solidarity between devotees. In the course of these events, the collective Vitality and devotion are palpable, as members interact in several types of worship and celebration.

क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

Her elegance is a gateway to spiritual awakening, generating her an item of meditation and veneration for all those trying to get to transcend worldly wants.

यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता

Cultural occasions like folks dances, new music performances, and plays are integral, serving like a medium to impart traditional stories and values, Primarily to the more youthful generations.

Celebrations like Lalita Jayanti highlight her significance, the place rituals and choices are created in her honor. The goddess's grace is considered to cleanse earlier sins and lead a single to the ultimate objective of Moksha.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति check here प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

Report this wiki page